निरोगी राजस्थान की अवधारणा के तहत प्रदेश में मिलावट पर प्रभावी रोकथाम तथा खाद्य सुरक्षा के लिए राज्य सरकार प्रभावी कदम उठाएगी। स्कूलों एवं आंगनबाड़ी में बच्चों के पोषण स्तर में सुधार केे लिए दिए जा रहे मिड डे मील को फोर्टिफाइड करने का भी परीक्षण किया जाएगा। साथ ही सचिवालय सहित अन्य कार्यालयों एवं संस्थानों को ‘ईट-राइट कैम्पस‘ के रूप में बदला जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में ये निर्णय लिए गए। बैठक में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण की अध्यक्ष श्रीमती रीता तेवतिया, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा तथा खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री श्री रमेश मीणा मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में लोगों को बिना मिलावट सुरक्षित खाद्य पदार्थ उपलब्ध हों ताकि उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर नहीं पडे़। इसके तहत खाद्य सुरक्षा को लेकर सघन अभियान चलाया जाएगा। इसमें मिलावटखोरों पर शिकंजा कसने के साथ ही आमजन को सुरक्षित खाद्य सामग्री के उपयोग के लिए जागरूक भी किया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि फूड सेफ्टी ऑफिसर मिलावट की जांच के साथ-साथ समझाइश कर लोगों को मिलावट नहीं करने के लिए जागरूक करें।
बैठक में एफएसएसएआई की अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने राज्य की खाद्य सुरक्षा लैब का निरीक्षण किया है। यह अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानकों को पूरा करती है। उन्होंने कहा कि एफएसएसएआई खाद्य सुरक्षा को लेकर प्रदेश में की जा रही पहल में पूरा सहयोग करेगा।
इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री रोहित कुमार सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
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