मिशन निदेशक एनएचएम ने ली साँस अभियान गतिविधियों की जानकारी
जयपुर, 12 फरवरी। निमोनिया से बच्चों को बचाने के उद्देश्य संचालित साँस अभियान की समीक्षा राज्यस्तर से शुक्रवार को प्रातः वीडियों काॅन्फ्रेंस द्वारा की गई। जयपुर से मिशन निदेशक एवं विशिष्ट शासन सचिव नरेशकुमार ठकराल, निदेशक आरसीएच डा. लक्ष्मणसिंह ओला, परियोजना निदेशक शिशु स्वास्थ्य डॉ गुरुमाला जैन व अन्य अधिकारियों ने समीक्षा की।
मिशन निदेशक श्री ठकराल ने बताया कि साँस अभियान के अंतर्गत जन जागरूकता गतिविधियां आयोजित कराई कई, आईईसी सामग्री मुद्रण कराकर सीएचसी-पीएचसी स्तर सहित सब सेन्टर तक प्रदर्शित कराकर निमोनिया के लक्षणों एवं बचाव उपायांे के बारे में जागरूक किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलास्तर से सीएमएचओ, आरसीएचओ, डीपीएम एनएचएम व एनयूएचएम व बीसीएमओ व अन्य अधिकारीगनों के साथ शिशु स्वास्थ्य विषय पर विस्तृत चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये गए हैं।
ये हैं निमोनिया के लक्षण-
निदेशक आरसीएच ने स्प्ष्ट किया कि निमोनिया फेंफडों में रोगाणुओं के संक्रमण से होता है और 5 वर्ष तक के बच्चों में इसका खतरा अधिक रहता है जिसमें खांसी और जुकाम का बढना, तेजी से साँस लेना, साँस लेते समय पसली चलना, तेज बुखार आना के साथ झटके आना, खा-पी ना पाना एवं सुस्ती या अत्यधिक नींद आना मुख्य है। ऐसे समय मे बच्चों की विशेस देखभाल की जाए।
निमोनिया से बचाव उपाय-
उन्होंने बताया कि घर में धुंआ न होने दें एवं खिडकिया खुली रखें । बच्चों को निमोनिया से बचाने के लिए जन्म के पहले घंटे में स्तनपान करायें, जन्म के 6 माह तक केवल माॅं का ही दूध पिलायें, 6 माह बाद बच्चे को ऊपरी खाना खिलायें, पीने के पानी को ढक कर रखें, खाना पकाने एवं खिलाने के पहले तथा शौच के बाद हाथों को साबुन से धोऐं, बच्चे के शरीर को ढक कर रखें एवं सर्दियों में ऊनी कपडे पहनायें और बच्चे का समयानुसार संपूर्ण टीकाकरण करायें ।
बैठक में मिशन इन्द्रधुनुष टीकाकरण अभियान और कोविड टीकाकरण की तैयारी के बारे में परियोजना निदेशक टीकाकरण डॉ रघुराज सिंह ने विस्तार से चर्चा कर आवश्यक निर्देश दिये।
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