फार्मासिस्ट प्रमोशनल कैडर पर सरकार की बेरुखी के कारण पहले से ही नाराज चल रहे मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना के नायक फार्मासिस्ट को राजस्थान सरकार के चिकित्सा विभाग के एक तुगलकी फरमान ने क्रोधित कर दिया है।
ई औषधि सॉफ्टवेयर में कंप्यूटर ऑपरेटर की बजाय फार्मासिस्ट द्वारा दवा पर्ची की एंट्री करने के चिकित्सा विभाग के आदेश पर 3000 सरकारी फार्मासिस्टों ने ट्विटर पर तीव्र और तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 25000 ट्वीट किए ..जिससे दिन भर के तमाम राजनीतिक उठापठक के बड़े मुद्दों के बीच भी हैशटैग #दवा_ का_ ज्ञाता_पर्ची_क्यों_चढ़ाता, #कैडर_नहीं _पर _काम _सारा पूरे राजस्थान में टॉप पर ट्रेंडिंग करता रहा।
फार्मासिस्ट ने ई औषधी सॉफ्टवेयर में दवा पर्ची चढ़ाने के आदेश का बहिष्कार करते हुए कहा कि पर्ची चढ़ाने के लिए उपलब्ध कंप्यूटर ऑपरेटर को रीलोकेट कर और बाहर का रास्ता दिखाकर सरकार एक तरफ तो बेरोजगारी बढ़ा रही है दूसरी तरफ फार्मासिस्ट पर अनावश्यक ही कार्यभार बढाकर दवा वितरण भंडारण पेशेंट कॉउंसलिंग के कार्य को प्रभावित कर रही है।
दवा के ज्ञाता फार्मासिस्ट का कैडर नहीं बनाने, अन्य चिकित्साकर्मियों की भांति भत्ते नहीं देने ग्रेड पे नहीं बढाने और फिर ऐसे अव्यवहारिक आदेश निकालने को फार्मासिस्ट ने सरकारी अधिकारियों व नीति निर्धारकों द्वारा फार्मासिस्ट के कार्य व जिम्मेदारी और शिक्षा के प्रति समझ नहीं होने का आरोप लगाया है।
ऐसे अतार्किक और असंगत आदेशों से दवा विज्ञान में उच्च प्रशिक्षित फार्मासिस्ट के ज्ञान का लाभ मरीजों के हित मे प्रभावित होने की आशंका व्यक्त करते हुए फार्मासिस्टों का कहना है कि मुख्यमंत्री निःशुल्क दवा योजना की सफलता बनाये रखने हेतु और मरीजों को त्वरित निर्बाध स्वास्थ्य सेवाओं की आपूर्ति हेतु ऐसे अतार्किक आदेश वापस लिए जाएं अन्यथा मजबूरन फार्मासिस्ट को आंदोलन पर उतरना पड़ेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी सरकार व प्रशासन की होगी तथा फार्मासिस्ट द्वारा ऐसे अव्यवहारिक आदेशों का बहिष्कार किया जाएगा।
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